- Book Title: Wah Rahasyamaya Sanyasi in Hindi (वह रहस्यमय सन्यासी)
- Book Author: Arun Kumar Sharma
- Publisher: Vishwavidyalaya Prakashan, Varanasi; First Edition edition (2013)
- Paperback: 346 pages
- ISBN-10: 8123181914
- ISBN-13: 978-8123181912
- Product description
- तंत्र के तीन पक्ष हैं आध्यात्मिक पक्ष , दार्शनिक पक्ष और क्रिया पक्ष और ये तीनो पक्ष योग पर आश्रित हैं| योग का आश्रय लेकर प्रथम दोनों पक्ष का गहन अध्ययन और चिन्तन-मनन करने के पश्चात ही क्रिया पक्ष को स्वीकार करना चाहिए। तभी तांत्रिक साधना उपासना आदि में पूर्ण सफलता सम्भव है अन्यथा नहीं। अपने शोध एवं अन्वेषण काल में उपर्युक्त तीनों पक्षों पर विशेष रूप से ध्यान रखते हुए योग और तंत्र में निहित तिमिराच्छन्न गूढ़ गोपनीय सत्यों से परिचित होने के लिए अनेक कठिन यात्राओं के अतिरिक्त हिमालय और तिब्बत की भी जीवन-मरण दायिनी हिमयात्रा की मैंने।. कहने की आवश्यकता नहीं इसी कल्पनातीत अवस्था में मेरी भेंट स्वामी अखिलेश्वरानंद से हुई | यदि विचारपूर्वक देखा जाये तो वे अपने आप में एक अति रहस्यमय सन्यासी थे, अपने तीन जन्मों के अविश्वसनीय कथा प्रसंग के अंतर्गत jin योग तंत्र परक विषयों को व्यक्त किया है अपने अनुभवों के आधार पर वे निश्चय ही अपने आप में महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक है और इसमें भी संदेह नहीं कि स्वामी जी कि अपनी जो कथा है वह भी अविश्वश्नीय होते हुए भी विश्वनीय और अति रोचक है | आशा है पाठको के लिए " वह रहस्यमय सन्यासी " उपादेय एवं संग्रहणीय सिद्ध होगा इसमें संदेह नहीं |
Book Details | |
Author | Arun Kumar Sharma |
Language | Hindi |
Wah Rahasyamaya Sanyasi by Arun Kumar Sharma in Hindi (वह रहस्यमय सन्यासी)
- Brand: Astha Prakashan Mandir
- Product Code: Wah Rahasyamaya Sanyasi in Hindi (वह रहस्यमय सन्यासी)
- Availability: In Stock
-
₹230.00