Book Title : आगमतत्त्वविलास ( Agama Tattva Vilasah Set of 4 Volumes )
Author : SN Khandelwal
Language : Hindi / Sanskrit
Publisher : Chaukhamba Surbharti Prakashan
MRP : Rs 2100/=
About Book
आगम तथा तंत्र के छेत्र में संग्रहात्मक ग्रन्थ का प्रयास सर्वोल्लास तंत्र तथा तंत्र सार के रूप में प्रकृष्ट रूप से प्राप्त होता है , जिस समय यह विद्या इतस्ततः विखरी हुई थी तथा मुद्रण सुविधा के अभाव से किसी ग्रन्थ के एक प्रति की भी प्राप्ति दुष्कर थी एवं राजनैतिक अस्थिरता तथा यवनादि के आक्रमण के कारण अनेक ग्रन्थ लुप्तप्राय हो रहे थे उस समय कृष्णानन्द आगमवागीश तथा सर्वोल्लास तंत्र के प्रणयनकर्त्ता सर्वानन्दनाथ ने अनेक ग्रंथो से उपयुक्त विधानों का संग्रह एक ही ग्रन्थ में करके साधक वृन्द के लिए इच्छानुसार तथा अधिकारानुसार साधनपथ खोजने तथा वरण करने का अलौकिक कार्य किया था।
इसी परम्परा में महान विद्वान सर्वानन्द के वंशज महान साधक रघुनाथ तर्कवागीश भट्टाचार्य ने 160 से अधिक अप्राप्य ग्रंथों का अनुशीलन करके एवं गुरुप्रदत्त उपदेशों को आधार बनाकर इस विशाल ग्रन्थ अगमतत्वविलास का प्रणयन किया है। इसकी विशेषता यह है की प्रातः स्मरणीय विद्वान ग्रन्थकार ने तंत्रसार में उक्त तथा अनुक्त विषयों का सन्निवेश तो इसमें किया ही है , उसके अतिरिक्त भी उस समय की प्रचलित सभी मान्यताओं का प्रमाण के साथ विश्लेषण करते हुए उनका भी दिशा निर्देश बिना किसी पूर्वाग्रह के स्वतन्त्र रूप से विवेचित किया है। इसी से यह महान ग्रन्थ तत्कालीन तंत्रसार अदि ग्रंथो से भी अधिक विशिष्टतापूर्ण प्रतीत होता है।
Agama Tattva Vilasah Set of 4 Volumes By SN Khandelwal ( आगमतत्त्वविलास )
- Brand: Chaukhamba Surbharati Prakashan
- Product Code: CSP_Agama_Tattva_Vilas
- Availability: In Stock
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₹1,760.00